शनिवार, 1 नवंबर 2008

४९८ ऐ और १२५ सी आर PEE सी

आज हमारे देश में दहेज़ के झूठे केस इतने बड़ते जा रहे हे की इसकी हद हो गयी हे , आज पड़ा लिखा आदमी इन झूठे केस में फसता जा रहा हे और हमारे देश की सरकार सिर्फ़ देख रही हे की केसे एक लड़की के झूठ से पुरा लड़के का परिवार जेल चला जाता हे और जब लड़का केस जित जाता हे तब कोर्ट उस महिला के खिलाफ कोई एक्शन नही लेती हे क्यो क्या इसका किसी जज के पास जवाब हे आज इस धारा का इतना ग़लत उपयोग महिलाओ द्वारा किया जा रहा हे लेकिन कोई भी ये नही सोचता हे की इस धारा का ग़लत उपयोग करने से कितने लोग आहित हो रहे हे और हमारी सरकार सो रही हे और सो तो वो भी रहे हे जो जानते हे की ये ग़लत हे लेकिन एकत्र नही हो रहे हे क्यो आज सभी जानते हे की ओरतो को जो अधिकार दिए हे उससे हमरे घर परिवार और बच्चोपर कितना ग़लत असर पड़ रहा हे उसका किसी को चिंता नही हे, मेने एक संस्था बनाई हे जो उन मर्दों की मदद करती हे जो ओरतो से पीड़ित हे आज काफी सारे लोगो को ये नही पता की कुटुंब न्यालय में बगेर वकील के लड़ सकते हे और तो और वकील जज सभ मिलकर अच्छे खास परिवार को अलग कर देने में मदद करते हे क्या जज को नही पता की आज के समय में ओरतो ने कितना कुछ सिखा हे इसके बावजूद ओरत के हाथ में एसा तुन तुना दे दिया जो ग़लत जगह बजाती हे , आप सेकंड शादी डॉट कॉम पर देखे की कितनी ओरते बेघर हो गयी हे जो दूसरी शादी और दूसरा बाप ढूँढ रही हे , क्यो हमरे भारत का एसा संस्कार हे अरे इससे तो अच्छी विदेश की लड़किया हे जो कम से अपने पति kee बात samajhti तो हे और भारत kee naari को देखो apane हाथ से apana ही घर ujadne में vyast हे

4 टिप्‍पणियां:

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर ने कहा…

is dhara ne to pariwaron kee aisi taisi kar dee. narayan narayan

Amit K Sagar ने कहा…

ब्लोगिंग जगत में आपका स्वागत है. खूब लिखें, खूब पढ़ें, स्वच्छ समाज का रूप धरें, बुराई को मिटायें, अच्छाई जगत को सिखाएं...खूब लिखें-लिखायें...
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आप मेरे ब्लॉग पर सादर आमंत्रित हैं.
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अमित के. सागर
(उल्टा तीर)

प्रदीप मानोरिया ने कहा…

सत्य वचन लिखते रहे स्वागत है

Rahul ने कहा…

There is a need to make people and police aware that supreme court in case of Joginder kumar Vs State of UP 1994 has given a landmark judgment that "the police has power to arrest but there is a difference between power to arrest and justification to arrest" i.e. no police officer can arrest anyone without any proper justification. i.e. in case of 498A arrest of accused cannot be made as a routine and there should be a proper justification to arrest the accused. Supreme court has given orders to DGP of all states to implement this order. In a recent RTI to DGP MP shri Sk Raut i got reply that the MP DGP has not followed the above supreme court order which is a contempt of supreme court order for this we will soon be filling contempt proceedings before the High court MP